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    उद् भव

    केन्द्रीय विद्यालय दक्षिणी कमान की उत्पत्ति

    केन्द्रीय विद्यालय दक्षिणी कमान, पुणे के ऐतिहासिक शहर के मध्य में स्थित एक विद्यालय है । 15.3 एकड़ के विशाल परिसर वाले इस स्कूल की 1968 में शुरुआत से लेकर आज तक की एक अनूठी कहानी है!

    केंद्रीय विद्यालय दक्षिणी कमान की आधारशिला सबसे पहले 27 अप्रैल 1968 को पूना एसबी क्षेत्र के कमांडर ब्रिगेडियर एस.ए. मोरे ने रखी थी। इसकी यात्रा के पहले चरण को पूरा करने में लगभग एक साल लग गया और फिर 3 मार्च 1969 को विद्यालय को खोलने की घोषणा की गई जिसका उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल मोती सागर,परम विशिष्ट सेवा मैडल, जी.ओ.सी.-इन-चीफ दक्षिणी कमांडद्वारा किया गया. भवन का निर्माण मेसर्स संतराम एंड संस द्वारा कराया गया था। यह वह इमारत है जहां हमारा वर्तमान प्राथमिक खंड है।

    साल बीतते गए और विस्तार की आवश्यकता थी इसलिए 25 फरवरी 1992 को लेफ्टिनेंट जनरल एफ.टी. डिअस, परम विशिष्ट सेवा मैडल एवं अति विशिष्ट सेवा मैडल, वी.आर.सी. दक्षिणी कमान द्वारा एक अतिरिक्त भवन का उद्घाटन किया गया। इमारत के इस हिस्से में प्राचार्य कक्ष , लेखा कार्यालय, प्रयोगशालाएं और वरिष्ठ माध्यमिक कक्षाएँ जैसे प्रमुख कक्ष हैं।
    यह यात्रा यहीं नहीं रुकती, 29 फरवरी 2008 को फिर से भवन के विस्तार के लिए आधारशिला रखी गई। 16 दिसंबर 2008 को ब्रिगेडियर आर. जे. शर्मा कमांडर पुणे सब एरिया द्वारा भवन का उद्घाटन किया गया। इस भवन में वर्त्तमान में माध्यमिक कक्षाएँ, कर्मचारी कक्ष , चिकित्सा कक्ष, एटीएल प्रयोगशाला, गणित प्रयोगशाला, कनिष्ट विज्ञान प्रयोगशाला, सम्मेलन कक्ष और पुस्तकालय के लिए उपयोग में हैं.

    स्कूल में विभिन्न खेलों के लिए एक विशाल खेल का मैदान और प्राथमिक और माध्यमिक के लिए दो सभा मंच हैं;.
    परिसर में स्कूल भवन के दोनों ओर विद्यालय के कर्मचारियों के लिए कर्मचारी आवास भी हैं। पूरी इमारत में छोटे-छोटे बगीचे हैं जो इसे सुंदर, रंगीन और हरा-भरा बनाते हैं.